देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम को केंद्र सरकार ने इसे 11 मार्च से लागू कर दिया है। लागू होने के बाद से कुछ लोग इसके विरोध में है तो कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं। इन सब के बीच कुछ लोग इसे राजनीति से भी जोड़ रहे हैं। AIMIM ने इसे देश की मुसलमान के लिए खतरा बता दिया है और इस पर रोक लगाने की मांग की।
ओवेसी ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
CAA को देश में केंद्र सरकार के द्वारा लागू कर दिया गया है। इसके लागू होने के बाद से लगातार विपक्ष में मौजूद लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसको मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं तो वहीं इस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इन सब के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और उन्होंने तत्काल रूप से इस पर रोक लगाने की मांग की। इस याचिका में ओवेसी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू कर NRC के जरिए मुसलमानो को निशाने बनाने की कोशिश की जा रही है। इसी के साथ-साथ ओवैसी ने कहा है कि यह दोनों कानून देश में नफरत फैलाने और मुसलमानो को परेशान करने के लिए पास किए गए थे। CAA को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई यशिकाओं पर 19 मार्च को फैसला सुनाया जाएगा।
राज्यसभा और लोकसभा में पास हुआ था CAA और NRC
CAA और NRC को सरकार ने दिसंबर 2019 में राज्यसभा और लोकसभा में पास करालिया था। इसके पास होने के कुछ दिन बाद लगातार देश में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था हिंसक हंगामा हुआ था और इसमें कई लोगों की मौत भी हो गई थी। लेकिन सरकार ने अपनी स्टेटमेंट में कहा था कि वह इस कानून को वापस नहीं लेंगे। सरकार के द्वारा पास कराए गए दोनों कानून में बताया गया था कि पड़ोसी देशों में लगातार हिंदू, सिख, इसाई, बौद्ध जैसे धर्म से जुड़े लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं और उनके लिए इसको लागू किया गया है। सरकार ने इसे लागू करते हुए कहा है कि 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। सरकार ने बताया कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। इसमें बाहर से आए लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। ये भी बताना होगा कि उन्होंने भारत में एंट्री कब ली थी। इसके बाद जरूरी जांच पड़ताल की जाएगी और फिर उन आवेदकों को नागरिकता मिल सकेगी। CAA लागू होने से भारत की अन्य देशों से आए लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी और वह भारत में नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे।