सोशल मीडिया पर हाल ही में एक ऑफिस के अंदर 2 लोगों के बीच विवाद का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि भाजपा के एक नेता ने सिख अफसर को खालिस्तानी बोला था, तो वे गुस्सा होकर कार्यक्रम से चले गए।
क्या है वायरल?
दरअसल, politics_keera नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है और इसपर लिखा है, “एक भाजपा नेता ने एक सिख अफसर को खालिस्तानी कहा। जिसके बाद वह अफसर गुस्से में नाराज होकर कार्यक्रम से चले गए।”
वहीं इस वायरल दावे को सच मानते हुए कुछ अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी समान दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया है।
Uttar Pradesh: A Sikh Officer was called Khalistani by BJP leader. He was angry and walked out of the event pic.twitter.com/yNR2xLj4Cw
— Crime Reports India (@AsianDigest) February 29, 2024
हालांकि टूडे समाचार ने अपनी पड़ताल में इस वायरल दावे को गलत पाया है। दरअसल, ये वीडियो 8 फरवरी 2024 को लखनऊ नगर निगम के दौरान विवाद का है, जिसमें लखनऊ नगर निगम के आयुक्त पर भाजपा पार्षद ने व्यक्तिगत आरोप लगा दिया था। इस आरोप के बाद विवाद शुरू हुआ था और नाराज होकर आयुक्त इंद्रजीत सिंह बैठक से चले गए। बता दें कि इस बैठक के दौरान खालिस्तानी जैसी कोई बात किसी पक्ष द्वारा नहीं कही गई थी।
फैक्टचेक
टूडे समाचार की टीम ने इस वायरल वीडियो की पड़ताल की शुरूआत करते हुए इस वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले और इसे गूगल ओपन सर्च टूल की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें कई न्यूज पोर्टल, वेबसाइट और यूट्यूब चैनलों पर इस वायरल वीडियो से जुड़े कई वीडियोज मिले। हालांकि इनमें से किसी खबर में किसी पक्ष द्वारा खालिस्तानी कहे जाने की बात सामने नहीं आई।
वहीं इस दौरान हमें UP Tak नाम के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो के समान ही वीडियो क्लिप मिला, जिसे 29 फरवरी को अपलोड किया गया था। वहीं इस वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक “नगर निगम में शहर की सफाई को लेकर चुनी गई कंपनी रामकी पर सहमति बनाने के लिए बैठक आहूत की गई थी कि तभी भाजपा पार्षद राम नरेश रावत ने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि नई कंपनी को लाने के लिए आपको क्या ऑफर मिला है? इस पर नगर आयुक्त भड़क गए और सदन छोड़कर बाहर चले गए।’’
वहीं इसके अलावा हमने पड़ताल को आगे बढ़ाया तो हमें दैनिक जागरण, लखनऊ के ई पेपर पर इस वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक भी कहा गया है कि, भाजपा पार्षद रामनरेश यादव ने बैठक में पूछा कि कंपनी के पक्ष में बोलने में कितने का ऑफर मिला है। पार्षद के इतना कहते ही नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह भड़क गए और कहा कि इस तरह की भाषा का उपयोग उचित नहीं है। इसके बाद नाराज होकर चले गए।
ऐसे में अंत में हमने इस वायरल वीडियो और वायरल दावे पर अधिक पुष्टि के लिए दैनिक जागरण, लखनऊ के वरिष्ठ संवाददाता अजय श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह बेबुनियाद है। भाजपा पार्षद ने ऑफर का जिक्र किया था, जिसके कारण पूरा बवाल हुआ था।
ऐसे में टूडे समाचार की इस पड़ताल से ये साफ हो गया है कि वायरल वीडियो में भाजपा नेता द्वारा सिख अफसर को खालिस्तानी कहे जाने का दावा पूरी तरह से गलत है। दरअसल, 28 फरवरी को लखनऊ नगर निगम की बैठक के दौरान एक भाजपा पार्षद ने नगर निगम आयुक्त इंद्रजीत सिंह पर एक कंपनी के प्रमोशन के लिए ऑफर का आरोप लगा दिया था। इस आरोप के बाद नगर निगम आयुक्त इंद्रजीत सिंह काफी नाराज हो गए थे और बैठक से चले गए थे। इसी घटना के वीडियो को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।