मुसिबतों से तंग आकर किया था गरीब परिवार ने धर्म परिवर्तन,आज कल देश में धर्म परिवर्तन और घर वापसी के बहुत से किस्से सुने को आपको मिले होंगे.
और अब फिर एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है,जी हाँ दोस्तों लोहरदगा परिवार के 13 सदस्यों ने अपने पुराने सरना धर्म में वापसी कर ली है.
लेकिन ऐसी क्या वजह थी कि एक ही परिवार के 13 सदस्यों को ये कदम उठाना पड़ा आखिर किसके बहकावे में आ गए वो.चलिए जानते हैं क्या है पूरा मांजरा.
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परेशानियों से तंग आकार अपनाया था इसाई धर्म
लोहरदगा जिले के पास सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के मुर्की तोड़ार पंचायत के तोड़ार मैना टोली मैं रहने वाले एक ही परिवार के 13 सदस्यों ने Christianity यानी कि इसाई धर्म में परिवर्तन कर लिया था.
परिवर्तन का कारण परिवार के एक सदस्य ने बताया.राजेश खालको ने बताया कि उनका पूरा परिवार हमेशा बीमार रहता था
और उनके क्षेत्र के लोग उनसे दूरी बनाने लगे वे कोई उनके घर आना पसंद नहीं करता था.
और बिमारियों की झाड़ फुक कराने के लिए ही उनका परिवार पास के गांव जिसका नाम हेसवे गांव है वहां गया था.
तब हमारे गांव में रहने वाले इसाई समुदाय के लोगों ने कहा कि इस परेशानी का इलाज तो पादरी जी के पास है.

2012 में अपनाया था इसाई धरम
फिर साल 2012 में इस परिवार ने अपने घर में पादरी को बुलाया था.और पादरी ने पूरे परिवार को बहका कर इसाई धर्म में उनका परिवर्तन करा दिया था.
पादरी ने उनसे कहा कि धर्म बदलने से सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी.लेकिन 11 साल का समय बीत गया और कुछ भी नहीं बदला, समस्याएं भी कम नहीं हुईं.
बाद में उनको मेहसूस हुआ कि इसे अच्छा तो उनका पहले वाला सरना धर्म ही अच्छा था.
और इसी बात का एहसान होने के बाद परिवार ने 12 पड़हा बेल के सामने घर वापसी करने का विचार रखा