पति की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई सकुना देवी,शादी करते समय दूल्हा दुल्हन एक दूसरे के 7 वचन लेते हैं और कसम खाते हैं
कि एक साथ ही जिएंगे और एक साथ ही मरेंगे.और आज इसकी एक जिंदा मिसाल भी देखने को मिली.जब एक शादीशुदा जोड़े ने एक साथ दम तोड़ दिया
और दोनों की चिताओं को साथ जला दिया गया.ये घाटना के बारे में जैसे-जैसे सबको पता चल रहा है
वैसे-वैसे लोग इस शादीशुदा जोड़े के घर श्रद्धांजलि देने जा रहे हैं.आओ जान लेते हैं कैसे हुआ ये पूरा हादसा.

Bihar-घोघा क्षेत्र की घटना
यह हादसा बिहार के घोघा क्षेत्र के गांव पन्नूचक का है जहां पर महेश हरिजन जिंदगी उम्र 77 साल थी उनकी दिल की धड़कन रुकने के कारण बुधवार को सुबह 4 बजे मौत हो गई.
और उनकी पत्नी सखुना देवी जो 24 घंटे अपने पति के साथ रही थीं, जिनकी उम्र 72 साल थी सुबह अपने पति को चाय पीने के लिए उठाने आयी.
तभी पत्नी ने देखा तो उनके पति महेश नी का देहांत हो चुका था.सकुना देवी सदमे में वही अपने पति के पास बैठ गई.
और वही बैठे बैठे सकुना देवी ने भी पति के दुख में दम तोड़ दिया और किसी को पता भी नहीं चला.
जब उनकी बड़ी बहुओं ने उनसे बात करने की कोशिश की तो वो अचानक गिर गई
जिसके बाद ये पता चला कि सकुना देवी जी ने भी अपना प्राण त्याग दिया है.
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घोघा घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
सभी इनकी मौत पर काफी अचरज हो रहा था .दोनों का अंतिम संस्कार घोघा घाट पर हुआ.दोनों की एक ही चिता तय्यार की गई थी
दोनों की चिता को आग बड़े बेटे विनोद रविदास ने दी.विनोद जी ने बताया कि दोनों का श्राद्ध करना भी एक साथ ही किया जाएगा.
बड़ी बेटी ने बताया कि उनके माता पिता के बीच बहुत प्रेम था..दोनों एक दूसरे का ख्याल रखते थे.खाना भी साथ खाया करते थे.
माता जी पिता जी की दवाई का ख्याल रखती थी.दोनों ने विवाह के बाद एक दूसरे के साथ 55 साल गुजारे और एक साथ इस दुनिया को अलविदा कहा
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