सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ लोगों पर लाठी चार्ज का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें महिला पुलिस की कुछ अधिकारी कुछ अन्य महिलाओं को धक्का देती और उन्हें धमकाती नजर आ रही हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि छतीसगढ़ में भाजपा की सरकार आते ही महिलाओं पर अत्याचार शुरू हो गया है।
क्या है वायरल?
दरअसल, ‘Jitendra Jasakiya‘ नाम के फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है और साथ ही लिखा है, “छत्तीसगढ़ में जब तक भूपेश थे जब टेक भरोसा था आज भूपेश नहीं है अड़ानी की सरकार है और महिला को पीटा जा रहा है …सत्य मेव जयते पर कीसका अदानी का???”
इस वीडियो को सच मानकर कई और यूजर्स समान दावे के साथ इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में जब तक भूपेश थे जब टेक भरोसा था आज भूपेश नहीं है अड़ानी की सरकार है और महिला को पीटा जा रहा है 🔥#हसदेव_जंगल_बचाओ pic.twitter.com/rv7CFLbqG4
— Brijesh Kumar Arya برجیش کمار آریہ ان (@BrijeshKumarIND) January 5, 2024
हालांकि टूडे समाचार ने अपनी पड़ताल में पाया गया है कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी है। दरअसल, वायरल वीडियो छतीसगढ़ का है ही नहीं, बल्कि कर्नाटक के हासन जिले है, जब अर्जुन हाथी के अंतिम संस्कार के दौरान भीड़ बढ़ने और लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
फैक्टचेक
दरअसल, टूडे समाचार ने अपनी पड़ताल की शुरुआत के साथ इस वीडियो के कुछ महत्वपूर्ण की फ्रेम्स निकाले और उसे गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च किया तो हमें इस वीडियो से मिलता-जुलता एक और वीडियो न्यूज 18 कन्नड़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला, जो 5 दिसंबर 2023 को अपलोड किया गया था।
वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार पता चला कि अर्जुन हाथी की मौत हो गई है। इसके साथ ही वीडियो में मौजूद जानकारी से पता लगा कि ये वीडियो छतीसगढ़ का नहीं बल्कि कर्नाटक का है, जब अर्जुन हाथी का अंतिम संस्कार किया गया था।
इस दौरान भीड़ बढ़ने के कारण पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था। इस वीडियो के 4.29 मिनट के हिस्से में उन्हीं 2 महिलाओं को देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में नजर आ रही थीं।
इस दौरान हमारी टीम को पड़ताल में अर्जुन हाथी के अंतिम संस्कार से जुड़े और भी कई वीडियोज मिले और उन सभी वीडियोज में भी उन 2 महिलाओं को देखा गया।
वहीं इसके अलावा जब अर्जुन हाथी के अंतिम संस्कार से जुड़े कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया गया तो हमें द हिंदू की वेबसाइट पर 5 दिसंबर 2023 को प्रकाशित एक खबर मिली, जिसके मुताबिक अर्जुन हाथी की मौत के बाद लोकल लोगों ने वन विभाग के आधिकारिकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
इस रिपोर्ट के मुताबिक यह भी पता लगा कि प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग थी कि अर्जुन हाथी का अंतिम संस्कार मैसूर में हो, जहां के दशहरा त्योहार में अर्जुन हाथी शामिल हुआ करता था।
ऐसा ना करने की वजह से ही वो लोग उग्र होकर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।
वहीं न्यूज 24 की वेबसाइट पर 5 दिसंबर 2023 को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक वन अधिकारी ने अर्जुन हाथी की मौत पर बात करते हुए बताया था कि चिकमंगलुरु जिले से एक जंगली हाथी बेंगलुरु में घुस आया था। इसी जंगली हाथी को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने अभियान चलाया था। इसी अभियान के दौरान अर्जुन की मौत हो गई। जंगली हाथी और अर्जुन की लड़ाई हो गई थी। जंगली हाथी ने अपने दांतों को अर्जुन के पेट में घुसा दिया था और ज्यादा खून निकलने की वजह से उसकी मौत हो गई।
वहीं इस पड़ताल के दौरान हमें अर्जुन हाथी की मौत और अंतिम संस्कार से जुड़ी कई और खबरें भी मिली, जिनमें समान बातें कही गई थीं।
ऐसे में हमने इस वायरल दावे पर और स्पष्टिकरण के लिए जब कर्नाटक के स्थानीय टीवी पत्रकार यासिर खान से संपर्क किया तो उन्होंने भी इस वायरल दावे को गलत बताया और कहा कि यह वीडियो अर्जुन हाथी के अंतिम संस्कार का ही है।
ऐसे में टूडे समाचार की इस पड़ताल से ये साबित हो गया कि छतीसगढ़ में महिलाओं पर लाठीचार्ज का ये वीडियो गलत दावे के साथ लोगों को भ्रमित करने के लिए बनाया गया है। इस वायरल दावे में जरा भी सच्चाई नहीं है। ये वीडियो दरअसल, कर्नाटक का है जब अर्जुन हाथी के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने प्रदर्शन किया था, तब पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।