विश्व हेपेटाइटिस डे : जानिए इसके रोकथाम और इलाज के बारे में

रिपोर्ट: सत्यम् दुबे
नई दिल्ली : दुनियां कोरोना जैसे घातक वायरस से जंग जीतने में लगी है। जिसका संक्रमण जनसंख्या के घनत्व और जागरुकता की कमीं से परमाणु विस्फोट की तरह फैल रहा है। इसी बीच मंगलवार यानि 28 जुलाई एक और घातक संक्रमण के जागरुकता और रोकथाम के लिए जाना जाता है जिसका नाम हेपेटाइटिस (hepatitis) है।
हेपेटाइटिस एक ऐसा संक्रमण है, जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलता है, और सबसे खास बात है कि संक्रमित व्यक्ति को इसकी जानकारी तक नहीं हो पाती है। आज हेपेटाइटिस दुनियां के लिए एक चिंता बना हुआ है। इस संक्रमण के अध्ययन को देंखे तो यह पांच प्रकार का होता है। जिसका नाम क्रमश: हैपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी और हेपेटाइटिस ई है।
हेपेटाइटिस के वायरस लीवर को संक्रमित करते हैं। जो दुनियां में टीवी (ट्युबरक्युलोसिस) के बाद दूसरा सबसे घातक बिमारी है। आज हेपेटाइटिस बी और सी इतना घातक संक्रमण है कि 96 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ दुनियां के लिए और खासकर भारत के लिए भी चिंता का विषय है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हेपेटाइटिस के 80 प्रतिशत संक्रमित व्यक्ति को पता तक नहीं हो पाता कि वह हेपेटाइटिस जैसे घातक संक्रमण से संक्रमित है।
यह संक्रमण किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो शुरुआत के दिनों में इसके कोई लक्षण सामने नहीं आते, यह संक्रमण साइलेंट अवस्था में लीवर को डैमेज कर जाता है। इसीलिए इस संक्रमण को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है।
आपको बता दें हेपेटाइटिस भारत में लीवर कैंसर का मुख्य कारण है, 40 प्रतिशत लीवर कैंसर के मरीज हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े को अनुसार विश्व में 29 करोड़ से भी ज्यादा व्यक्ति हेपेटाइटिस के बीमारी से संक्रमित हैं, और आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी तक नहीं है।
भारत की बात करें तो लगभग 5 करोंड़ भारतीय हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं, और लगभग 1.2 करोड़ भारतीयों में हेपेटाइटिस सी के संक्रमण मिले हैं।
आज हेपेटाइटिस बी और सी दोनो बीमारियों का इलाज संभव है लेकिन इसकी पहचान समय पर किया जा सके तो, संक्रमित व्यक्ति को डाँक्टर पहले दवाइयां लेने की सलाह देते हैं, जिसका शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
वर्तमान में, हेपेटाइटिस सी को एंटी-वायरल दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। वहीं हेपेटाइटिस बी को भी दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है और साथ ही इसके कारण होने वाले लिवर डैमेज, लिवर फेलियर और लिवर कैंसर की रोकथाम भी संभव है