93 वर्षीय का ये शख्स है 5 हजार 230 हत्याओं का अपराधी, 17 साल में ही किया...

 
93 वर्षीय का ये शख्स है 5 हजार 230 हत्याओं का अपराधी, 17 साल में ही किया...

नई दिल्ली : Germany (जर्मनी) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 93 वर्षीय नाजी गार्ड को जर्मनी की अदालत ने हत्या के आरोप में अपराधी ठहराया है। इस 93 वर्षीय Nazi guard (नाजी गार्ड) के ऊपर एक नहीं दो नहीं तीन नहीं बल्कि 5 हजार 230 लोगों की हत्या का आरोप है। हत्या के आरोप में अपराधी ठहराए गए इस गार्ड का नाम Bruno de (ब्रूनो डे) है। ब्रूनो 75 साल पहले स्टथऑफ कंसेनट्रेशन कैंप में गार्ड के पद पर नियुक्त था जहां इसने नाजियों की हत्या करने में सहायता की थी।

कहा जा रहा है पोलैंड के डैंस्क के पूर्व में स्थित स्टथऑफ कंसेनट्रेशन कैंप में ब्रूनो डे अगस्त 1944 से लेकर अप्रैल 1945 तक गार्ड नियुक्त था। हालांकि,इसके (ब्रूनो) के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भी केस चला था लेकिन उस वक्त वह केवल 17 साल का था। नाबालिग होने की वजह से उस वक्त ब्रूनो को दो साल की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद इसे रिहा कर दिया गया था। लेकिन उस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने इस मामले में दोबारा आवाज उठाते हुए यह मांग की कि ब्रुनो को दी गई सजा काफी कम है। लोगों ने कहा कि उनके मारे गए रिश्तेदारों के साथ अन्याय के समान है।

आपको बता दें, नाजी दौर के अपराधियों को सजा देने की प्रक्रिया जर्मनी में कई साल से चल रही है। इसी क्रम में ब्रूनो डे पर दोबारा केस चलाया गया। मारे गए लोगों के वकीलों ने कहा कि इस गार्ड की उम्र उसके अपराध को कम नहीं करती। ब्रूनो डे को हैम्बर्ग स्टेट कोर्ट में पेश किया गया था। उसने नीले रंग का सर्जिकल मास्क पहना था। ब्रूनो को व्हीलचेयर पर लाया गया था। जब जज उसके खिलाफ फैसला सुना रहे थे तो वह अपनी आंखें नीचे करके अदालत में बैठा था।

जज एनी मियरे गोरिंग ने कहा कि आपने जो अपराध किया है वह निर्मम था। आपको इस काम में शामिल ही नहीं होना था। लेकिन आप शामिल हुए। आपने ने ऐसी हत्याओं का आदेश माना। आप इन हत्याओं के बराबर के अपराधी हैं। अब आपको सजा मिलेगी।

ब्रूनो डे ने बताया कि उसने गैस चैंबर्स में बंद लोगों के चिल्लाने की आवाजें सुनी थीं। बाद में बाहर आते शवों को भी देखा था। इसके बाद उसे कभी भी चैन की नींद नहीं आई। उसे हर रात डरावने सपने आते थे।

नाजी कैंप्स में करीब 60 हजार से ज्यादा यहूदियों को मारा गया था। जर्मनी से सटे पोलैंड के स्टूटोवो कस्बे में कई कंसेनट्रेशन कैंप बनाए गए थे। जिनमें इन यहूदियों को नाजी सेना द्वारा सजा दी जाती थी।

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