महिला ने खाया जिंदा मछली, फिर 5 दिन बाद डॉक्टर ने गले में से निकाली ये खतरनाक चीज...

 
महिला ने खाया जिंदा मछली, फिर 5 दिन बाद डॉक्टर ने गले में से निकाली ये खतरनाक चीज...

नई दिल्ली: भारत में हर रिवाज के पीछे कोई ना वैज्ञानिक कारण जरूर होता है। अभी यहां हिन्दू धर्म के मुताबिक़ सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में लोग मांसहार छोड़ देते हैं। धर्म के अलावा सावन यानी मानसून में नॉन-वेज खाना खतरनाक होता है। अब ज़रा जापान से सामने आए इस मामले को ही देख लीजिये। यहां रहने वाली एक लड़की ने मछली खाई। मछली के पेट में अंडे भी थे,जो इंसान के लिए अच्छे नहीं होते। मछली खाने के  बाद से लड़की के  गले में दर्द था। जब पांच दिन बाद दर्द बहुत बढ़ गया तो लड़की अस्पताल गई। वहां उसके गले से जो निकला उसने दुनिया को भी हैरान कर दिया। डॉक्टर्स ने लड़की के गले से डेढ़ इंच लंबा कीड़ा निकाला। ये कीड़ा मछली के अंडों में था, जो गले में अटक गया था।

जापान के टोक्यो से सामने आए इस मामले में डॉक्टर्स ने लड़की के गले से जिंदा डेढ़ इंच का कीड़ा बाहर निकाला। कीड़ा लड़की के टॉन्सिल में जाकर अटक गया था। इस वजह से लड़की को गले में सुरसुराहट हो रही थी। 25 साल की इस महिला की पहचान उजागर नहीं की गई। खुद डॉक्टर्स ने ये खबर लोगों के साथ शेयर किया। महिला सर्जरी से पहले पांच दिन तक दर्द से छटपटाती रही।

जब वो डॉक्टर के पास गई तो वहां उन्होंने उसके टॉन्सिल में डेढ़ इंच का जिंदा कीड़ा पाया। ये उसके टॉन्सिल में लिपटा हुआ था। डॉक्टर्स भी हैरान थे कि ये कीड़ा उसके गले में कैसे पहुंचा? जब लड़की से पूछा गया तो पता चला कि उसने पांच दिन पहले एक रेस्त्रां में सुशी खाई थी।  

सुशी में कच्ची मछली का इस्तेमाल किया गया था। मछली के पेट  में अंडे थे। ये अंडे इंसान के लिए अच्छे नहीं होते। इनमें कीड़े भी होते हैं जो बॉडी को यूं ही नुकसान पहुंचाते हैं। इसके बाद डॉक्टर्स ने  लड़की के गले में चिमटी डाल कर कीड़े को खींचकर बाहर निकाला। जब कीड़े को निकाला गया, तब भी वो जिंदा ही था।  

डॉक्टर्स ने बताया कि ये कीड़े ज्यादातर पेट में रहते हैं। जितने ज्यादा टाइम के लिए ये पेट में रहते हैं, उतने ही ज्यादा बड़े होते जाते हैं। इस केस में वो गले में अटक गया था, इसलिए पता चल गया। डॉक्टर्स ने बताया कि इन कीड़ों की वजह से इंसान में कई तरह की बीमारियां देखने को मिलने लगती है। इसमें बुखार, वेट लॉस से लेकर स्किन एलर्जी तक शामिल है।

From around the web