महिलाओं को रिझाने वाले बंदर को मिला आजीवन कारावास की सजा

रिपोर्ट : ए.के.रंजन
नई दिल्ली : आपने कोर्ट में अनेकों ऐसे मामले देखें और सुने होंगे जिसमें किसी आरोप शख्स या महिला को उम्रकैद या अन्य सजा दी जाती है, लेकिन क्या आपने ऐसा कभी सुना है कि किसी जानवर को आजीवन कारावास की सजा मिली है। नहीं, तो आपको बता दें कि एक ऐसा ही मामला कानपुर का है, जहां एक बंदर को आजीवन कारावास की सजा मिली है। क्योंकि यह महिलाओं को रिझाता था। अब आप सोच रहे होंगे कि ये क्या मामला है तो, आप जानिये इस बंदर की पूरी करतूत....
आपको बता दें कि इस बंदर का नाम कालिया है, जो यूपी के मिर्जापुर का रहने वाला है। मिर्जापुर में यह एक तांत्रिक के साथ शराब और मांस का सेवन करता था, जिसकी मौत के बाद इसने पूरे मिर्जापुर में आतंक फैला दिया, खासकर महिलाओं और बच्चों में। मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार, इस बंदर ने अभी तक 250 महिलाओं और बच्चों को अपने खुंखार दांतों का शिकार बना डाला है। यहां तक की इसने एक बच्ची की हत्या भी कर डाली थी।
तीन साल पहले कालिया को कानपुर चिड़ियाघर की टीम मिर्जापुर से पकड़कर कानपुर ले आई। लेकिन उसने यहां भी अपनी हरकत दिखा दी और चिड़ियाघर के वन रेंजर चौहान की बेटी का पूरा गाल ही काट लिया था। डॉक्टरों का कहना है कि इसके आगे के दांत इतने खतरनाक हैं कि वह पूरा मांस ही उखाड़ लेता है। ये इतना चालाक है की खाना देने वाले पुरुष व्यक्ति से तो नाराज हो जाता है लेकिन किसी महिला को देखते ही इशारे से उनको बुलाकर काटने की कोशिश करता है। तीन साल में इसने महिलाओं और बच्चियों से अपनी दुश्मनी नहीं बदली उनको आज भी अपना दुश्मन मानता है।
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मोहम्मद नासिर का कहना है कि तीन साल पहले हम इसको मिर्जापुर से पकड़ कर कानपुर चिड़ियाघर लाये थे। मिर्जापुर में इसको एक तांत्रिक ने पाला था। उसने इसको शराब और मांस का आदी बना दिया था। तांत्रिक की मौत के बाद इसने आबादी वाले इलाकों में आकर महिलाओं और बच्चियों को काटना शुरू किया।
कानपुर चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि तीन साल तक हमने इसके काटने वाले स्वभाव को बदलने की कोशिश की लेकिन ये नहीं बदला। कानपुर चिड़ियाघर के चिकित्सा अधिकारी मोहम्मद नासिर का कहना है कि इसका व्यवहार 3 साल में भी नहीं बदला है। अगर इस बंदर को खुला छोड़ दिया जाए तो यह जहां जाएगा वहां कम से कम पच्चीस लोगों को काटना शुरू कर देगा। ये बंदर अलग स्वभाव का है इसलिए इसको उम्रकैद की सजा दी गई है। जब तक इसकी जिदंगी है ये पिंजड़े के अंदर ही रहेगा।
उनका कहना है कि कालिया की पूरी जिंदगी अब पिंजड़े की जेल में भले ही कैद रहे लेकिन कालिया की हिस्ट्री ये बताती है कि उसको क्रूरता सिखाने का काम इंसानी फितरत ने ही किया था। इंसान ने ही एक बंदर को भी अपनी संगत से क्रूर बना दिया। उसको औरतों और बच्चों का दुश्मन तक बना दिया। सजा का हकदार तांत्रिक था जिसने उस जानवार की फितरत बदल दी।