थाने में शिकायत दर्ज कराने आई महिला को देखकर मास्टरबेट करने लगा पुलिस अधिकारी, फिर जो हुआ...

 
थाने में शिकायत दर्ज कराने आई महिला को देखकर मास्टरबेट करने लगा पुलिस अधिकारी, फिर जो हुआ...

रिपोर्ट : ए.के.रंजन

नई दिल्ली : सरकार जिन अधिकारियों को राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा देते है, अपराधियों को दंड करने का अधिकार देते है, लेकिन जब वही अपराध करने लगे तो क्या होगा? देश में बढ़ते बलात्कार और महिला के साथ अनैतिक व्यवहार को लेकर सरकार कहती है कि पुलिस आपकी हर संभव मदद करेगी, लेकिन जब वे थाने में केस दर्ज कराने जाती है तो उन्हें थाने में मौजूद अधिकतर अधिकार अपनी नजरों से तार-तार कर चुंके होते है। लेकिन वे बेबस होती है, क्योंकि उन्हें कानून से न्याय चाहिए।

एक इसी से जुड़ा मामला यूपी के देवरिया का है, जहां एक अधिकारी द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराने आई महिला को देखकर मास्टरबेट किया जाने लगा, लेकिन जब यह वीडियो वायरल होने लगा तो उस अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले इस पुलिस अधिकारी को निलंबित भी किया गया था और उसके बाद गिरफ्तार।

बुधवार रात सरकार ने एक बयान में कहा कि, "पुलिस स्टेशन के अंदर एक महिला शिकायतकर्ता के सामने मास्टरबेट करते हुए कैमरे में कैद हुए देवरिया जिले के पुलिस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।" बयान में लिखा गया कि, "देवरिया जिले के भटनी पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर आरोपी सिपाही भीष्म पाल सिंह को पड़ोसी बस्ती जिले के एक गांव से गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद से ही वह लापता था।"

देवरिया के एसपी श्रीपति मिश्रा ने कहा कि पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ एक महिला के शील भंग करने और लोक सेवक द्वारा कानून की अवज्ञा करने के आरोप में उसी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। बता दें कि सिंह द्वारा पुलिस स्टेशन में एक महिला शिकायतकर्ता के सामने मास्टरबेट करने का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो गया था। यह घटना 22 जून को हुई थी जब एक मां-बेटी जमीन से जुड़े विवाद की शिकायत करने पुलिस स्टेशन आईं थीं।

इस बीच चार बच्चों के पिता एसएचओ सिंह के परिवार के सदस्यों ने कहा कि जो कुछ हुआ उससे वह "हैरान" हैं और महिला शिकायतकर्ता से "माफी" मांगना चाहते हैं। बता दें कि यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी पुलिस द्वारा महिलाओं या महिला कैदियों से अनैतिक व्यवहार की खबरें सामने आती रहती है, लेकिन बड़ी पहुंच और वर्दी के कारण ये मामला आगे नहीं बढ़ पाता। और बढ़ता भी है तो निर्णय नहीं आता।

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