पुलिस की कैद से रिहा हुए पाकिस्तानी मुर्गे, बाहर निकलते ही बोले कुकड़ू कु

 
पुलिस की कैद से रिहा हुए पाकिस्तानी मुर्गे, बाहर निकलते ही बोले कुकड़ू कु

नई दिल्ली : आपने अक्सर ऐसे कई घटनाएं देखी और सुनी होंगी जिसमें अपराध करने पर किसी आरोपी को गिरफ्तार किया जाता है, उसे सजा दी जाती है। लेकिन पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इंसानों को नहीं बल्कि मुर्गों को कैद में रखा गया था, क्योंकि किसी ने उस मुर्गे की दावेदारी नहीं की। मुर्गे की घटना से आपको यूपी पुलिस की वो घटना भी याद हो आ गई होगी, जिसमें यूपी पुलिस सपा सांसद आजम खां के भैंस को खोज निकाली थी, लेकिन यहां मुर्गे को खोजना नहीं बल्कि उसके मालिक को ढूंढ़ना सिंध पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

दरअसल पाकिस्तान के कानून में सरेआम जुआ खेलना और शर्त लगाना जुर्म है, जिसे लेकर कड़े दंड का प्रवाधान है। एक ऐसे ही घटना में पुलिस ने मुर्गों की लड़ाई के खेल के दौरान छापेमारी कर मालिकों को हिरासत में लिया था। जिसके बाद मालिक एक के बाद एक छूटते तो गये, लेकिन किसी ने मुर्गे को लेकर दावेदारी नहीं की। जो पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया। और सिंध पुलिस को इन मुर्गों का देखभाल करना पड़ा। जिसके लिए एक कर्मचारी को इन मुर्गों का जिम्मा दिया गया।

आपको बता दें कि इन मुर्गों के देखभाल एवं खुराकी में पुलिस को प्रतिदिन 100 रूपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ते थे, वहीं उनकी सुरक्षा या चोटिल होने से बचाने के लिए खुले में बांध कर रखना पड़ता था। क्योंकि अगर मुर्गे को किसी तरह की चोट आ जाती तो मालिक के दावे पर पुलिस को हर्जाना भरना पड़ता, वहीं कोर्ट की फटकार भी खानी पड़ती। जिसे लेकर पुलिस लगातार अपनी निगरानी में उन मुर्गों को ख्याल रख रही थी।   

बता दें कि 8 महीनें तक पुलिस या कोर्ट के सामने कोई भी दावेदार नहीं आया, जिसे लेकर पुलिसकर्मी बेहद चिंतिंत थे। जिसके बाद एक दिन घोटकी के रहनेवाले जफर मीरानी ने सिविल जज की अदालत से मुर्गे को हवाले करने की गुहार लगाई। उन्होंने अदालत को बताया कि किसी काम के सिलसिले में उन्हें कराची में रुकना पड़ा था, जिसे लेकर वे अपने मुर्गे की दावेदारी नहीं कर सकें। जिसके बाद अदालत ने फरियादी की अपील मंजूर करते हुए पुलिस को मुर्गा दावेदार के हवाले करने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश के बाद जरवार पुलिस ने मुर्गा जफर के हवाले कर दिया। आपको बता दें कि कुछ महीने पहले ही सिंधु पुलिस ने 24 लोगों के साथ दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर पांच मुर्गों को हिरासत में लिया था। जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। अब जबकि मुर्गे कैद से छूट चुंके है तो बाहर निकलते ही उन्होंने कुकड़ू कु कहना शुरू कर दिया है।

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