नहीं रहें राहत इंदौरी, लेकिन ये 10 शेर जो आज भी लोगों के रोगटे खड़े कर देता है....

 
नहीं रहें राहत इंदौरी, लेकिन ये 10 शेर जो आज भी लोगों के रोगटे खड़े कर देता है....

रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी

नई दिल्ली: "बुलाती हैं मगर जाने का नहीं..." ये कहने वाले आज खुद इस दुनियां से इतना दूर चले गये कि अब अगर कुछ रह गया हैं तो सिर्फ उनकी यादें। जी हां मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी, जिनकी शायरियों ने कई दिलों को जोड़ा हैं कई लोगों को जिंदगी में जीना सिखाया है, जिनके शेर हर लफ्ज़ के साथ मोहब्बत की नई शुरुआत करते हैं। आज भले ही वो इस दुनियां से चले गये हो लेकिन उनकी शायरियां आज भी दुनियांभर में फेमस हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी की वो 10 सबसे बेहतरीन शायरियां जो आपको मोहब्बत करना सिखा देगी, मोहब्बत का मतलब बता देंगी-

  • जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दें

मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।

  • फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो

इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

  • उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो

धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं।

  • नए किरदार आते जा रहे हैं

मगर नाटक पुराना चल रहा है।

  • हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे

कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।

  • अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है

उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते

  • न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा

हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।

  • गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं में आ गया हु बता इंतज़ाम क्या क्या हैं फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या हैं||
  • सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें||
  • हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया मेरे कमरे में भी एक ताजमहलरखा हैं||

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