नागालैंड मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला, राज्य में लगा कुत्तों के .... पर बैन

नई दिल्ली : कोरोना महामारी को लेकर तमाम राज्य सरकारें कई फैसले ले रहे है, जिससे इस महामारी को रोका जा सकें। जिस दौरान नागालैंड सरकार भी कई कदम उठा रही है, जिससे वो भी इस पर अंकुश लगा सकें। लेकिन इसके अलावा नागालैंड राज्य सरकार ने एक और ऐसा फैसला लिया है, जिससे वो सुर्खियों में बना हुआ है। गौरतलब है कि नागालैंड सरकार ने कुत्ते के मांस की बिक्री और इसके सेवन पर रोक लगा दिया है। इस फैसले को जानवरों के साथ क्रूरता और चिंताओं के बीच लिया गया है। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री एन. क्रोनू ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुत्तों के वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर और कुत्ते के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है।
इस मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव तेमजेन तॉय ने भी ट्वीट कर सरकार के इस फैसले की जानकारी भी दी है। जिसके मुताबिक, कुत्ते के पके हुए और कच्चे दोनों तरह के मांस पर ये रोक लगाई गई है। सरकार के प्रवक्ता क्रोनू ने बताया, "राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला सेवन के लिए दूसरे राज्यों से कुत्तों को लाने के खतरों को देखते हुए और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (Animal Cruelty Prevention Act), 1960 के तहत लिया गया।"
एन. क्रोनू ने इस बारे में कहा कि सरकार ने तत्काल प्रभाव से सूअरों के भी वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर रोक लगाने का फैसला लिया है। क्रोनू ने बताया कि पहले ही क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के प्रकोप के बाद राज्य ने सूअरों के आयात पर रोक लगा दी गई थी और मंत्रिमंडल की तरफ से इसे मंजूरी दे दी गई।
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर कर राज्य में कुत्ते का मांस खाने का प्रचलन रहा है। यहां लोग इनके मांस को उच्च पोषण का जरिया मानते हैं। ध्यान हो कि अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुत्ते से बर्बरता की गई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने इस क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाई थी।