आयुष मंत्रालय ने बताए बरसात के मौसम में स्वस्थ रहने के घरेलू तरीके

नई दिल्ली : मॉनसून का आगमन हो चुका है ऐसे में मलेरिया और डेंगू का खतरा भी दोगुना हो जाता है। इस बीच अब आयुष मंत्रालय ने फ्लू वायरल और वायरस से बचने के लिए कुछ देसी उपाय बताएं हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए मंत्रालय ने बताया कि मॉनसून की बीमारियों के शुरुआती लक्षण खांसी-जुकाम, छींक, गले में खराश होते हैं और कुछ उपायों से इन से बचा जा सकता है तो आइए आपको बताते हैं वो उपाय...
मॉनसून में सेहतमंद रहने के लिए अपनाए ये उपाय
- आमतौर पर लोग सर्दियों में हल्दी वाला दूध पीना पसंद करते हैं लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मंत्रालय ने इस मौसम में भी हल्दी वाले दूध को पीने के लिए कहा हैं। हल्दी वाला दूध से जुकाम से जुड़ी तकलीफों में गले में दर्द से बचने के लिए कारगर उपाय है। ऐसे में दिन में एक बार हल्दी वाला दूध लें। दूध में हल्दी की मात्रा पर ध्यान दें, एक गिलास दूध में केवल एक चौथाई हल्दी मिलाएं।
- इस मौसम में भाप लेना फायदेमंद रहता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वैसे भी भाप लेना अच्छा होता है। यह एक प्राकृतिक चिकित्सा की तरह काम करती है। भाप लेने से बंद नाक, गले में दर्द से राहत मिलती है। इसके लिए गर्म पानी में विक्स या पुदीन हरा डालकर भाप लें। गर्म पानी में लॉन्ग का तेल टी-ट्री ऑयल लेमन ग्रास ऑयल मिलाकर भी भाप ले सकते हैं।
- इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए भी मंत्रालय ने खाने में बदलाव की सलाह दी हैं। मंत्रालय की मानें तो इस मौसम में ताजा भोजन ही खाएं।
मौसमी फ्लू के लक्षण
मॉनसून के मौसम में होने वाली बीमारियां के लक्षण कोरोना वायरस से काफी मिलते हैं ऐसे में इनकी पहचान जरूरी है। इस मौसम में लोगों को आमतौर पर खांसी, बदन दर्द, सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, सांस लेने में दिक्कत, नाक बंद होना जैसी परेशानियां होती हैं। हालांकि, जब घरेलू उपाय से आपको राहत नहीं मिल रही है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।