क्या आप भी खर्राटों से परेशान, ऐसे पाएं छुटकारा

रिपोर्ट- रितिका आर्या
बहुत से लोगों को सोते समय खर्राटे आते हैं। कई बार तो ये आवाजें इतनी तेज होती है कि आस-पास के लोग सो भी नहीं पाते। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ये खराटे आते क्यों हैं इन खराटों के पीछे का कारण क्या है। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है इसका कारण और कैसे करें इसे दूर...
क्यों आते हैं खर्राटे
खर्राटे आने की परेशानी सांस लेने के दौरान हवा का बहाव गले में स्थित ऊतकों में कंपन पैदा होने के कारण होती है। जब आप गहरी नींद में सोते हैं और व्यक्ति के मुंह, जीभ और गले की मांसपेशियों को आराम मिलता है। ऐसे में गले के ऊतक इतने ढीले हो जाते हैं कि वो आंशिक रूप से वायुमार्ग को रोकने (ब्लॉक) करने लगते हैं जिसकी वजह से कंपन होने लगता है।
वायुमार्ग जितना सिकुडता जाता है, सांस के दौरान ली जाने वाली हवा का प्रवाह उतना तीव्र होने लगता है। यह ऊतक कंपन को बढ़ाता है, जिससे खर्राटे की आवाज जोर-जोर से आने लगती है।
खर्राटे आने के कई कारण
खर्राटे आने के कई वजह हो सकती है। साइनस की समस्या हो, शराब का ज्यादा सेवन, एलर्जी, कोल्ड या फिर मोटापा ये सभी कारण खर्राटे आने की वजह बनते हैं।
कैसे बंद हो सकते हैं खर्राटे
सोने का पोजिशन बदलें- पीठ के बल सोने पर जीभ और तालू (palate) वायुमार्ग को संकुचित करते हैं और इसकी वजह से नींद के दौरान कंपन की आवाज पैदा होती है। साइड की तरफ सोने से इसे रोकने में मदद मिलती है। शरीर के बराबर तकिए पर सोने से भी खर्राटे कम आते हैं क्योंकि ये बॉडी का बैलेंस एक तरफ बनाए रखता है। सिर ऊंचा करके सोने से भी खर्राटे कम आते हैं क्योंकि ये नाक के वायुमार्ग मार्ग को खोलता है और खर्राटों को रोकता है। हालांकि, इससे गले में दर्द की भी शिकायत हो सकती है।
वजन घटाएं- वजन घटाने से भी कुछ लोगों को खर्राटों की समस्या में मदद मिल सकती है। हालांकि, ये सब पर लागू नहीं होता है। कुछ पतले लोग भी खर्राटे लेते हैं। अगर आप पहले खर्राटे नहीं लेते थे और वजन बढ़ने के बाद आपको ये दिक्कत होने लगी है तो वजन कम करने से आपको खर्राटों से छुटकारा मिल सकता है। गर्दन के आसपास चर्बी बढ़ने से खर्राटे ज्यादा आते हैं।