कोरोना के बीच आंध्र प्रदेश में रहस्यमयी बीमारी का खौफ, अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने पहुंचे CM

 
कोरोना के बीच आंध्र प्रदेश में रहस्यमयी बीमारी का खौफ, अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने पहुंचे CM

रिपोर्ट- रितिका आर्या

देश में एक तरफ कोरोना वायरस का खौफ देखने को मिल रहा है। जो लगातार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है तो वहीं अब एक और बीमारी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। दरअसल, आंध्र प्रदेश के एलुरु कस्बे में रहस्यमयी बीमारी के चलते 380 से अधिक लोग बीमार हो गए हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। बता दें, इस रहस्यमयी बीमारी के लक्षणों की बात करें तो इस बीमारी से संक्रमित लोगों को मिर्गी के दौरे, अचानक से बेहोश होना, कांपने और मुंह से झाग आने की शिकायतें हो रही हैं।

अचानक सामने आई इस बीमारी से संक्रमित लोगों से मिलने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी एलुरु के सरकारी अस्पताल में पहुंचे। जिस एक मरीज की इस रहस्यमयी से मौत हुई उसका  एलुरु के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था।

आपको बता दें, मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने पश्चिम गोदावरी जिले स्थित एलुरु सरकारी अस्पताल का दौरा किया, जहां रहस्यमयी बीमारी के करीब 150 मरीजों का इलाज हो रहा है। यहां, रेड्डी ने मरीजों से मुलाकात की ओर उनका हाल चाल जाना। इस दौरान रेड्डी ने डॉक्टरों से भी बातचीत की। इस रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 380 हो गई है।

मंगलगिरि के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों की एक टीम ने भी अस्पताल का निरीक्षण किया। साथ ही विस्तृत जांच के लिए मरीजों के रक्त के नमूने लिए गए हैं। इलाज के बाद करीब 200 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है।

डॉक्टर भी हैरान

एलुरु में रहस्यमयी बीमारी के आतंक को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं। उन्हें भी अंदाजा नहीं कि अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोगों में इस तरह के लक्षणों की आखिर वजह क्या है? एलुरु के चार अलग-अलग इलाकों से आए 45 लोगों में अजीब से लक्षण देखे गए। इनका आपस में कोई लेना-देना नहीं था। अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 46 बच्चे हैं जबकि 70 महिलाएं। बच्चों के अलावा ज्यादातर मरीज 20-30 साल आयुवर्ग के हैं।

इस प्रकोप की शुरुआत एलुरु के वन टाउन क्षेत्र से हुई और रविवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। मरीजों के रक्त के नमूने लिए गए हैं और सीटी (मस्तिष्क) स्कैन किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी अब तक बीमारी के पीछे की वजह का पता नहीं कर पाए हैं।

वहीं सेरेब्रल स्पाइनल फ्लूइड (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की स्थिति की जांच) भी समान्य पाई गई। कल्चर टेस्ट (शरीर में रोगाणु का पता लगाने की जांच) की रिपोर्ट आने के बाद हो सकता है कि समस्या की वजह पता चल सके। वहीं ई-कोली (आंत में रोगाणु का पता लगाने) जांच रिपोर्ट की भी प्रतीक्षा की जा रही है।

भाजपा सांसद जीवी एल नरसिम्हा राव ने नई दिल्ली के एम्स के विशेषज्ञों से बात करने के बाद कहा था कि जहरीले ऑर्गनोक्लोरीन बीमारी की वजह हो सकते हैं। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी दूषित पानी या खाने को इस बीमारी की वजह मानने से इनकार करते हैं।

रिपोर्ट आने पर ही होगा खुलासा

स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम की लैब में भेजे गए मरीजों के सेरेब्रल-स्पाइनल फ्लूएड सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद इसके पीछे की वजह का खुलासा हो पाएगा। हेल्थ एक्सपर्ट अलग-अलग ऐंगल जैसे वायु प्रदूषण या दूषित दूध के जरिए केमिकल पॉयजनिंग की भी जांच कर रहे हैं। कुछ लोग इसे मास हीस्टीरिया का केस भी बता रहे हैं।

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