आखिर क्यों इस देश में बिछी हुई है 350 हाथियों की लाशें

 
आखिर क्यों इस देश में बिछी हुई है 350 हाथियों की लाशें

नई दिल्ली : अक्सर कुछ मौतें तब रहस्य बन जाती है जिनके पीछे का कारण पता नहीं चलता। यह रहस्यमई मौत एक तरह का राज बनाकर खत्म हो जाती है जिसके पीछे की जानकारी निकालना थोड़ा कठिन होता है। कुछ ऐसा ही मामला है दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना का, जहां 350 से ज्यादा हाथियों की रहस्यमई तरीके से मौत हो गई है। अब तक इन हाथियों की मौत की पीछे वजह क्या है इसका खुलासा नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्यादातर हाथी जल स्रोत के करीब मिले हैं यानी जहां पानी है, वहां पर इनकी मौत हुई है। वहीं अब बोत्सवाना की सरकार इस बात की जांच पड़ताल में जुट गई है कि हाथियों को कहीं जहर देकर तो मौत के घाट नहीं उतारा गया या फिर इनकी मौत किसी अनजान बीमारी के वजह से हुई है।

आपको बता दें, ये 350 से ज्यादा हाथियों के सड़े-गले शव उत्तरी बोत्सवाना और उसके ओकावैंगो डेल्टा में बिखरे हुए हैं। हाथी की पहली रहस्यमयी मौत मई महीने में हुई थी। जिसके बाद कुछ दिनों के अंदर ओकवैंगो डेल्टा में 169 हाथी मर गए थे।

डेली मेल में छपी खबर के अनुसार, जून के बीच में इन मरने वाले हाथियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई। इन जान गवाने वाले 70 फीसदी हाथियों की मौत जलस्रोतों के आसपास हुई है। वहीं, बोत्सवाना की सरकार ने अभी तक इन हाथियों के शवों की जांच नहीं कराई है। लेकिन ये आशंका जताई जा रही है कि इन हाथियों की मौत जहर से हुई है या फिर किसी बीमारी से। नेशनल पार्क रेसक्यू के निदेशक डॉ. निएल मेक्केन का कहना है कि ऐसा कई सालों के बाद देखने को मिला है कि इतनी ज्यादा संख्या में हाथियों की मौत हुई है। आमतौर पर सूखा पड़ने पर हाथियों की ऐसी मौत होती है लेकिन इस समय इतने मौतों का कारण समझ में नहीं आ रहा है।

देश और दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने बोत्सवाना की सरकार से अपील की है कि हाथियों के शवों की जांच कराई जाए ताकि पता चल सके कि कहीं कोई नई बीमारी तो नहीं फैली है। वैज्ञानिकों को इस बात का डर है कि कहीं हाथियों की मौत के बाद कोई बीमारी इंसानों में न फैलने लगे।

स्थानीय लोगों ने बताया है कि उन लोगों ने हाथियों को गोल घेरे में घूमते देखा है। हाथी ऐसा तब करते हैं जब वे देख नहीं पाते। उनकी दृष्टि तब बाधित होती है जब वो बीमार हों या फिर उन्हें किसी ने जहर दे दिया हो। इन दोनों वजहों से उनका नर्वस सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है।

डॉ. मेक्केन ने कहा कि अगर आप हाथियों के शवों के गिरने की स्थिति को देखेंगे तो पता चलेगा कि कुछ हाथियों की मौत बेहद जल्दी हुई है। क्योंकि वो सीधे खड़े-खड़े मुंह के बल गिरे पड़े हैं। जबकि, कुछ हाथियों की मौत धीरे-धीरे हुई है। इसलिए ये बता पाना मुश्किल है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ है?

आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में हाथियों की आबादी 80 हजार से 1.30 लाख के बीच है। हालांकि शिकार के कारण हाथियों की संख्या में कमी भी आई है। लेकिन अगर कोई बीमारी हाथियों की इस तरह से जान ले रही है तो ये बेहद खतरनाक स्थिति है।

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