आचार्य चाणक्य ने बताया अपने नीति शास्त्र में सफल गृहस्थ जीवन से जुड़ी कुछ बातें

 
आचार्य चाणक्य ने बताया अपने नीति शास्त्र में सफल गृहस्थ जीवन से जुड़ी कुछ बातें

रिपोर्ट : रितिका आर्या

नई दिल्ली : एक सफल शादीशुदा जीवन के लिए जरूरी होता है पति और पत्नी दोनों के बीच तालमेल। जब दोनों के बीच तालमेल सही बना रहता है तो उनका शादीशुदा जीवन भी खुशनुमा और सफल रहता है। उनका यह दांपत्य जीवन लोगों को भी प्रेरणा देता है लेकिन कई बार पति-पत्नी के बीच तालमेल ना बन पाने के कारण उनका रिश्ता टूट जाता है। आपसी लड़ाई और मतभेद के कारण आखिरकार दोनों अलग हो जाते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में सफल गृहस्थ जीवन से जुड़ी कुछ बातें बताई है। जिसे उन्होंने अपने इस श्लोक में बताया है।

वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।

रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।

* अपने श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने कहा है कि जीवन साथी का चयन करते समय लोगों को अपने होने वाले साथी के गुणों को परखना चाहिए। चाणक्य के मुताबिक, चेहरे की सुंदरता के आधार पर किसी के गुणों को परखना नहीं चाहिए। चाणक्य की माने तो ऐसा जरूरी नहीं जो बाहर से खूबसूरत नजर आए वह असल में भी अच्छा हो। चाणक्य का ऐसा कहना है कि जो लोग व्यक्ति के मन और विचारों को देखकर उनसे विवाह करते हैं। वह लोग हमेशा प्रसन्न रहते।

* आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि जिस व्यक्ति के अंदर धीरज होता है। वह क्रोध के बजाय शांत दिमाग से काम लेता है। वह सभी तरह की परिस्थितियों में सुरक्षित रहता है। चाणक्य का कहना है कि जिन लोगों में धैर्य होता है वह हर परिस्थिति से बचकर निकलने में कामयाब होते हैं। चाणक्य कहते हैं कि शादी से पहले अपने जीवनसाथी में धैर्य है या नहीं ये भी देखना चाहिए। चाणक्य जीवनसाथी को संस्कारवान होने को भी आवश्यक मानते हैं।

* चाणक्य कहते हैं कि लोगों को अपने लिए गुस्सैल स्वभाव वाले जीवनसाथी का चुनाव नहीं करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि गुस्सैल लोग अपने आसपास मौजूद खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं। चाणक्य के मुताबिक, अगर आप किसी गुस्से से भरे हुए शख्स से शादी करते हैं तो खुशहाल जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है। चाणक्य कहते हैं कि सफल शादीशुदा जीवन के लिए लाइफ पार्टनर का शांत होना जरूरी है।

From around the web