श्रीलंका ने शुरू की ओमान में यौनकर्मियों के रूप में महिलाओं की नीलामी की जांच


विदेश रोजगार प्रोत्साहन मंत्री मानुषा नानायक्कारा ने संसद को बताया कि ज्यादातर पीड़ितों को टूरिस्ट वीजा पर मध्य पूर्व ले जाया गया था।
नानयक्कारा ने कहा, फर्जी एजेंटों, आव्रजन विभाग के सरकारी अधिकारियों और हवाई अड्डे पर काम करने वालों सहित रैकेट में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए व्यापक जांच शुरू कर दी गई है।
मंत्री के अनुसार श्रीलंकाई महिलाओं को दुबई के रास्ते ओमान ले जाया गया और विभिन्न कार्यस्थलों पर बेच दिया गया, जहां उन्हें विभिन्न उत्पीड़नों से गुजरना पड़ा।
बढ़ती शिकायतों के साथ श्रीलंका ने अगली सूचना तक पर्यटक वीजा का उपयोग करके काम करने के लिए ओमान जाने वालों पर प्रतिबंध लगा दिया।
विदेश मंत्रालय ने ओमान में श्रीलंकाई दूतावास से जुड़े एक श्रम अधिकारी को भी एक महिला द्वारा दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने के बाद निलंबित कर दिया, जो घरेलू नौकरानी के रूप में काम करने के लिए ओमान गई थी।
इससे पहले श्रीलंकाई पुलिस ने कहा था कि कथित घटनाओं की जांच के लिए ओमान भेजे गए जासूसों की एक विशेष टीम ने पाया है कि पीड़ितों ने विभिन्न कठिनाइयों का सामना किया था।
पुलिस प्रवक्ता एसएसपी निहाल थल्दुवा ने बताया कि पीड़ितों को उनकी उम्र और शक्ल-सूरत के हिसाब से लाइन में खड़ा कर दिया गया, जिसके बाद उन्हें नीलाम कर सेक्स वर्कर के तौर पर बेच दिया गया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उत्पीड़न के विभिन्न रूपों को लेकर ओमान में श्रीलंकाई दूतावास में अपनी शिकायतों के साथ अधिक महिलाएं आगे आई हैं।
इस वर्ष अब तक 240 से अधिक पीड़ितों को श्रीलंका वापस भेजा जा चुका है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, दूतावास ने ऐसे पीड़ितों की सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) की सहायता भी मांगी है।
--आईएएनएस
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