सुंदरबन में जल्द ही हो सकते हैं बाघों के लिए अतिरिक्त अधिसूचित कोर क्षेत्र

 
सुंदरबन में जल्द ही हो सकते हैं बाघों के लिए अतिरिक्त अधिसूचित कोर क्षेत्र
सुंदरबन में जल्द ही हो सकते हैं बाघों के लिए अतिरिक्त अधिसूचित कोर क्षेत्रकोलकाता, 12 नवंबर (आईएएनएस)। दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों के तटीय इलाकों में फैले पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के मैंग्रोव जंगलों में आने वाले दिनों में बाघों के लिए अतिरिक्त अधिसूचित कोर क्षेत्र हो सकते हैं।

राज्य वन विभाग इस मामले में एक निर्णय पर विचार कर रहा है, जिसे जल्द ही लागू किया जा सकता है।

वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि हाल के निष्कर्षो की पृष्ठभूमि में अतिरिक्त कोर क्षेत्रों को अधिसूचित करना आवश्यक हो गया है, जो पश्चिम बंगाल के अंतर्गत आने वाले इन मैंग्रोव जंगलों में रहने वाले रॉयल बंगाल टाइगर्स की संख्या में बड़ी वृद्धि का संकेत देते हैं।

वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा-हाल ही में, वन विभाग ने देश में नवीनतम बाघ जनगणना के लिए वन क्षेत्रों के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए कैमरा-ट्रैप के फुटेज देहरादून में भारतीय वन्यजीव संस्थान को भेजे थे। वन विभाग ने अपने विशेषज्ञों के माध्यम से कैमरा-ट्रैप फुटेज के निष्कर्षो का विश्लेषण किया है, जिसके निष्कर्षो से पता चलता है कि सुंदरबन में रॉयल बंगाल टाइगर्स की वर्तमान संख्या कुछ हद तक 123 और 125 के बीच होगी, जो 2018 में की गई पिछली बाघ जनगणना के अनुसार सिर्फ 96 थी।

भारत में बाघों की जनगणना चार साल के अंतराल पर की जाती है। राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक ने अपने विभाग के विशेषज्ञों के निष्कर्षो की पुष्टि की।

उन्होंने कहा, हम भारतीय वन्यजीव संस्थान से जल्द ही अंतिम रिपोर्ट की उम्मीद कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि आंकड़े उसी सीमा में होंगे, जैसा कि हमारे विभाग ने कहा है।

वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ट्रैप कैमरों की फुटेज का विश्लेषण करने से पहले ही रॉयल बंगाल टाइगर्स की संख्या में वृद्धि देखी गई थी। वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हाल ही में, बाघों को कुछ स्थानों पर देखा गया है जहां उन्हें पहले नहीं देखा गया था। मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए अधिसूचित कोर क्षेत्रों को बढ़ाने की आवश्यकता है।

हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि अधिसूचित कोर क्षेत्रों की संख्या बढ़ाना एक लंबी प्रक्रिया है। सबसे पहले, वन विभाग को विस्तारित अधिसूचित कोर एरिया जोन में शामिल किए जाने वाले पॉकेट की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण करना होगा। उसके बाद राज्य सरकार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजनी होगी। केंद्रीय मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ही अधिसूचित कोर क्षेत्रों के विस्तार का काम शुरू हो सकता है।

--आईएएनएस

केसी/एसजीके

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