राष्ट्रपति पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए बंगाल के मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग


भाजपा विधायक कुसुमु टेटे ने कहा, एक आदिवासी विधायक के रूप में, मैं बंगाल के मंत्री अखिल गिरी की इस तरह की टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं। मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध करता हूं कि ऐसे मनोरोगी को तुरंत देश से बाहर करें और गिरफ्तार करें क्योंकि उसने भारत के प्रथम नागरिक पर अपमानजनक टिप्पणी की है।
उन्होंने आगे कहा कि किसी को भी भारत के राष्ट्रपति पर इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। टेटे ने भी शिकायत दर्ज कराई थी।
इसी तरह, राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नयागढ़ जिले में विरोध मार्च निकाला और बंगाल मंत्री का पुतला फूंका।
पातरा ने मांग की है कि, गिरि के बयान से ओडिशा के लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। यह न केवल ओडिशा के लोगों का अपमान है, बल्कि यह महिलाओं और पूरे आदिवासी समुदाय का भी अपमान है। मंत्री को कैबिनेट से तुरंत हटा देना चाहिए और गिरफ्तार कर लेना चाहिए।
बीजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मुन्ना खान ने भी बंगाल के मंत्री के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा, राष्ट्रपति पर इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। गिरि को मंत्री बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति और सुरेश राउत्रे ने भी भारतीय संविधान में सर्वोच्च कुर्सी का अपमान करने के लिए अखिल गिरि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
मंत्री को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और उसे सलाखों के पीछे डालना चाहिए। बाहिनीपति ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को अपने मंत्री द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल के सुधार गृह राज्य मंत्री अखिल गिरी ने हाल ही में राष्ट्रपति मुर्मू के खिलाफ टिप्पणी की है कि हम किसी को उसकी शक्ल से नहीं आंकते। हम राष्ट्रपति के कार्यालय का सम्मान करते हैं। लेकिन, हमारी राष्ट्रपति कैसी दिखती हैं। उन्होंने यह टिप्पणी पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में की थी।
--आईएएनएस
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