PPF और ELSS में जाने क्या है प्रमुख अंतर, निवेश से पहले जान लें यह जरूरी बातें 

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By Yogesh Yadav

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PPF और ELSS : वर्तमान समय में निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद है जिनमें से PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड और ELSS फंड भी शामिल है। यदि आप इन दोनों निवेश विकल्पों में से किसी एक का चयन निवेश के नजरिए से करना चाहते हो तो आपको PPF और ELSS के बीच के अंतर को समझना होगा। चलिए इन दोनों के बीच के अंतर को समझने का प्रयास करते है। 

PPF और ELSS के बीच मुख्य अंतर

1. सुरक्षा

पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी स्कीम है जिसके तहत यह पूरी तरह से सुरक्षित स्कीम है। वही ईएलएसएस फंड के तहत निवेशकों के पैसे को शेयर बाजार में लगाया जाता है जिसके चलते इसमें अधिक जोखिम होता है।

2. रिटर्न

सुरक्षा के मामले में पीपीएफ आगे है लेकिन रिटर्न के मामले में यह पीछे है। पीपीएफ में एक निश्चित दर से ब्याज मिलता है जबकि ईएलएसएस में हाई रिटर्न पाने की संभावना अधिक होती है। 

3. लॉक इन पीरियड

PPF निवेश 15 साल के लॉक इन पीरियड के साथ आता है। हालांकि 5 सालों बाद आंशिक रूप से पैसे निकाले जा सकते है। जबकि ELSS में 3 साल का लॉक इन पीरियड शामिल है।

4. लिक्विडिटी

पीपीएफ में खाता खोलने के 5 सालों बाद पैसे को निकाला जा सकता है वही ईएलएसएस में 3 साल बाद पैसे निकासी की सुविधा मिलती है।

5. टैक्स में छूट

पीपीएफ से प्राप्त ब्याज और परिपक्वता राशि आयकर अधिनियम के 80C के तहत टैक्स फ्री है। वही ईएलएसएस निवेशकों को भी धारा 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलता है। लेकिन 1 लाख रुपए से अधिक ब्याज की राशि पर 10% टैक्स लगता है। 

डिस्क्लेमर : TodaySamachar.in ब्लॉग के माध्यम से आप सभी पाठकों को केवल स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड और वित्तीय निवेश से संबंधित नई नई जानकारियां दी जाती है। हमारा उद्देश्य आपको किसी भी प्रकार से निवेश संबधित सलाह देना नही है। इसलिए किसी भी क्षेत्र में निवेश से पहले किसी अच्छे वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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