सरकार गुरपतवंत सिंह पन्नू को पकड़ने के लिए नई रणनीति पर कर रही काम


जुलाई 2020 में केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पन्नू को आतंकवादी घोषित किया था। उसके खिलाफ पंजाब समेत अलग-अलग राज्यों में 22 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। उन 22 मामलों में से कई मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने इंटरपोल द्वारा पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने से इनकार करने के बाद, उसके अपराधों का संशोधित तरीके से एक डोजियर तैयार किया जा रहा है। एनआईए को पांच अन्य एजेंसियों के साथ, इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने की जिम्मेदारी दी गई है।
आरसीएन जारी करने से इनकार के बाद हाल ही में गृह मंत्रालय में एक बैठक हुई, जिसमें एनआईए को अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर डोजियर तैयार करने का काम सौंपा गया। एनआईए को एक नई प्राथमिकी दर्ज करने और मामले में शामिल सभी कानूनी तौर-तरीकों को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है।
सूत्रों ने कहा कि एनआईए को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और कुछ राज्यों के पुलिस विभागों के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा गया है।
गृह मंत्रालय ने सभी एजेंसियों को पन्नू और खालिस्तान आंदोलन पर मौजूद जानकारी साझा करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय एजेंसियों को कथित तौर पर इनपुट मिले हैं कि पन्नू पंजाब के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य पुलिस विभागों को भी पन्नू के बारे में जानकारी साझा करने के लिए कहा गया है।
विशेष अभियान के माध्यम से जांच एजेंसियां पन्नू के प्रयासों का मुकाबला करने में लगी हुई हैं, पन्नू जैसे कि खालिस्तान पर जनमत संग्रह कराने की पहल, पाकिस्तान की आईएसआई की सहायता से गड़बड़ी करना और युवाओं और किसानों को भड़काना आदि कोशिश कर रहा है।
सुरक्षा एजेंसियां खालिस्तानी निकाय द्वारा समर्थित देश-विरोधी गतिविधियों को समाप्त करने की रणनीति पर भी काम कर रही हैं, जो पंजाब और उसके सीमावर्ती राज्यों में हो रही हैं।
--आईएएनएस
केसी/एसजीके