मिजोरम में पत्थर खदान ढहने के मामले में एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लिया, मामला दर्ज


मिजोरम के हनथियाल जिले के मौदढ़ गांव में सोमवार दोपहर पत्थर की खदान का एक बड़ा हिस्सा ढह जाने से कुल 12 लोगों की मौत हो गई, जब वे पत्थर के गड्ढे में काम कर रहे थे।
मिजोरम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य-सचिव सी. लालदुहावमा ने कहा कि एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला उठाया है और संबंधित अधिकारियों को 28 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया है।
लालदुहावमा ने आईएएनएस से कहा, हम अब दुर्घटना की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और इसे एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
एनजीटी ने मिजोरम आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों को एमपीसीबी के अधिकारियों के साथ 28 नवंबर को पेश होने को कहा है।
इस बीच 12वें और आखिरी शव को निकालने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
हनथियाल जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय गुरुं ग ने कहा कि एक और शव को निकालने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, अंतिम शव को निकालने में समय लग सकता है। तलाशी अभियान अभी भी उन चट्टानों को साफ करने जा रहा है, जहां मशीनों को (मशीन) ऑपरेटर के साथ दफनाया गया था।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, मिजोरम सशस्त्र पुलिसकर्मी, सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स के जवानों के साथ-साथ यंग मिजो एसोसिएशन के स्वयंसेवक खोज और बचाव अभियान में शामिल हैं।
12 श्रमिकों में से पांच पश्चिम बंगाल के थे जबकि तीन असम के और दो-दो झारखंड और मिजोरम के थे।
मौदढ़ गांव के निवासियों ने दावा किया कि कम से कम पांच खुदाई करने वाले एक स्टोन क्रेशर और एक ड्रिलिंग मशीन भी मलबे के नीचे पूरी तरह से दब गए हैं।
राज्य की राजधानी आइजोल से लगभग 160 किमी दूर स्थित पत्थर की खदान ढाई साल से चालू है।
एक निजी कंपनी एबीसीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, जो हनथियाल और डॉन गांव के बीच एक राजमार्ग का निर्माण कर रही है, खदान से पत्थर इकट्ठा करती है।
--आईएएनएस
एसजीके