धनबाद के मुगमा में 200 मीटर दायरे में फट गई धरती, टल गया बड़ा हादसा


बताया जाता है कि मुगमा क्षेत्र के कापासारा में आउटसोसिर्ंग के जरिए कोयला खदान से खनन होता है। इस दौरान लगातार ब्लास्टिंग भी की जाती है। इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से भी कोयला उत्खनन होता है। जिस समय भू-धंसान की घटना हुई, उस समय आसपास दर्जनों लोग खदान से अवैध ढंग से कोयला निकाल रहे थे। हादसे से अफरा-तफरी मच मच गई।
कापासारा आउटसोसिर्ंग परियोजना से सटे आवासों में रहने वालों ने बताया कि अहले सुबह तेज आवाज के साथ जमीन कांपी तो सभी लोग घर छोड़कर बाहर निकल भागे। लोगों ने पाया कि आउटसोसिर्ंग खदान के पास बहुत बड़े दायरे में जमीन में चौड़ी दरारें पड़ गई हैं। जिस जगह पर दरारें आई हैं, वहां से लगभग 500 मीटर की दूरी पर नई दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन गुजरती है। दरार का दायरा पड़ने पर यह लाइन भी प्रभावित हो सकती थी। इस बीच कोलियरी प्रबंधन ने दरारों को भरने का काम शुरू कर दिया है। निरसा के थाना प्रभारी दिलीप कुमार यादव का कहना है कि भू-धंसान की घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
बता दें कि इसीएल की कापासारा आउटसोसिर्ंग परियोजना में जनवरी 2019 से लेकर 9 मई 2022 तक अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से 24 मौतें हुई हैं। इसी साल 9 मई की दोपहर करीब तीन बजे चाल धंसने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति घायल हो गया था। इसके पहले फरवरी 2022 में इसी परियोजना में अवैध कोयला उत्खनन के दौरान तीन लोगों की मौत हुई थी।
--आईएएनएस
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