चुनावों की तारीख नजदीक आते ही EVM मशीनों में हैकिंग की खबरें जमकर सुर्खियां बटोरने लगती हैं। कई विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे पर ईवीएम हैक करने का आरोप लगाती हैं। साल 2023 के अंत में ही 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, जिसके बाद ईवीएम के मुद्दे ने एक बार फिर तुल पकड़ी थी। वहीं इसके बाद से ही सोशल पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि इलेक्शन कमिशन यानी चुनाव आयोग ने ईवीएम पर हैकिंग का आरोप लगाने वाली राजनीतिक पार्टियों को उसे हैक करने की खुली चुनौती दे डाली है।
दरअसल, फेसबुक यूजर Tapaswini Mahanta (आर्काइव लिंक) ने 27 दिसंबर 2023 को वीडियो पोस्ट किया था और इसके साथ ही लिखा, “जिन्हें लगता है कि EVM हैक कर सकते हैं उन सभी को इलेक्शन कमीशन का आमंत्रण है ज़रूर स्वीकार करें”
हालांकि टूडे समाचार ने अपनी पड़ताल में पाया है कि चुनाव आयोग का ये वीडियो काफी पुराना है। दरअसल, वायरल वीडियो न्यूज मई 2017 की है। चुनाव आयोग की इस चुनौती के बाद केवर 2 ही पार्टियां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के प्रतिनिधि EC दफ्तर पहुंचे थे। हालांकि उन्होंने भी इस चुनौती में हिस्सा नहीं लिया था। ऐसे में सोशल मीडिया पर ये वीडियो अब शेयर करके भ्रामक दावा किया जा रहा है।
फैक्टचेक
इस वीडियो की पड़ताल करते हुए जब टूडे समाचार की टीम ने वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें जून 2017 का आजतक का वीडियो मिला। इस वायरल वीडियो पर भी आजतक का लोगो साफ देखा जा सकता है और साथ ही इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम डॉ. नसीम जैदी लिखा हुआ भी देखा जा सकता है, जो राजनीतिक दलों को चुनौती देते हुए 3 जून 2017 का जिक्र कर रहे हैं।
आजतक के वीडियो में ये साफ सुना जा सकता है कि डॉ नसीम जैदी सभी राजनीतिक दलों और पार्टियों को 3 जून 2017 को EC दफ्तर में आकर ईवीएम को हैक करने की कोशिश करने का मौका देने की बात कर रहे हैं। इस वीडियो के मुताबिक डॉ. नसीम जैदी द्वारा 3 जून 2017 से सबको मौका दिया जाएगा। हैकिंग के लिए सभी दलों को चार घंटे मिलेंगे। ऐसे में ये साफ हो गया कि ये वीडियो 3 जून, 2017 का है।
6 साल पुराना है वायरल वीडियो
आपको बता दें कि इस वीडियो से संबंधित कीवर्ड को जब हमारी टीम ने गूगल पर सर्च किया तो हमें आजतक वेबसाइट की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसपर दिनांक थी – 20 मई 2017। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रकासित खबर में लिखा था कि, “इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ के आरोपों को देखते हुए चुनाव आयोग ने आज एक खास कार्यक्रम में ईवीएम और वीवीपीएटी का डेमो दिया, जहां इनसे सारी आशंकाओं के निपटारे के लिए आयोग ने मशीनों के काम करने के तरीके को दिखाया। वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद EVM को लेकर शंकाएं उठाई गईं, पर किसी भी पार्टी ने अब तक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ का कोई ठोस सबूत या मेटेरियल नहीं दिया है।आयोग द्वारा सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया। इसके लिए आयोग चुनौती में शामिल होने के इच्छुक दल को हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केंद्र की मशीन के साथ करने का ऑप्शन चुनने के लिए एक हफ्ते का समय भी देगा।”
वहीं इसके साथ ही 20 मई 2017 को ही आजतक की वेबसाइट पर वो वीडियो भी देखा जा सकता है, जिसमें डॉ. नसीम जैदी राजनीतिक पार्टियों और दलों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दे रहे हैं। इसका मतलब ये वीडियो हाल का नहीं है, बल्कि लगभग साढ़े 6 साल पुराना है।
इतना ही नहीं बल्कि डॉ नसीम जैदी 9 अप्रैल 2015 से 5 जुलाई 2017 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे। फिलहाल इस पद पर राजीव कुमार विराजमान हैं। ये जानकारी भी हमें पड़ताल के दौरान चुनाव आयोग की वेबसाइट से प्राप्त हुई है।
ऐसे में टूडे समाचार की पड़ताल के बाद ये साबित हो जाता है कि ये वीडियो हाल का नहीं बल्कि 20 मई 2017 का है, जिसे हाल फिलहाल में वायरल किया जा रहा है।