नई दिल्ली: देश में किसानों के कर्ज का सारा वही खाता रखने वाली सरकार देश के बड़े बकायादार के प्रति कितनी संवेदनशील है। इसबात का अंदाजा इसी से लगा सकते है कि सरकार को लाखों करोड़ का चूना लगातार विदेश भाग गये कारोबारी विजय माल्या को दिए गये कर्ज की सही जानकारी वित्त मंत्रालय के पास तक नहीं है।
बतादें कि केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा RTI के जरिये वित्त मंत्रालय से अमंगी गयी सुचना के आधार पर इस बात का खुलासा हुआ है। सूचना आयोग ने वित्त मंत्रालय से RTI के जरिये कारोबारी विजय माल्या को विभन्न बैंकों द्वारा दिए गये कर्ज की जानकारी मांगी थी। जिसपर मत्रालय के अधिअकारियों ने अपनी असम्वेदनशीलता का परिचय देते हुए बताया कि उनके पास इसका कोई रिकार्ड नहीं है।
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एक RTI के जरिये यह पूछा गया गया था कि कारोबारी विजय माल्या को विभन्न बैंकों द्वारा अभी तक कितना कर्ज दिया गया था। वहीँ इस सवाल का जवाब मंत्रालय के पास नहीं था। हालाँकि मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने राजीव कुमार खरे के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि भी ही वित्त मंत्रालय के पास इसकी जानकारी न हो लेकिन इसका जवाब संसद में दिया जा चुका है। RTI में विजय माल्या के कर्ज और गारंटी से जुडी जानकारी मांगने पर वित्त मंत्रालय के अधिकारिओं ने जवाब दिया था कि उनके पास माल्या को दिए गये कर्ज या और कर्ज के बदले में लगाई गयी गारंटी के बारे में कोई सूचना नहीं है।
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ज्ञात हो कि विजय माल्या को देश के बड़ी बैंकों का हजारों करोड़ कर्ज का लेकर ब्रिटेन भाग गया है।जिसके बाद से भारत सरकार उसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है। माल्या को भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है।